चैत्र मास के पहले दिन जब पूरे देश में जहां मकर संक्रांति और लोहड़ी मनाई जाती, वही उत्तराखंड के पर्वतीय इलाक़ों में इन दिनों फूल संक्रांति की बहार है. बसंत के आगमन के प्रतीक इस त्योहार में बच्चे जंगल-पहाड़ों पर जाकर तरह–तरह के बसंती फूल चुनते हैं और फिर गांव-घर में देहरी की पूजा की जाती है.
सुबह की पहली किरण के फूटते ही बच्चे आसपास के पेड़ों और जंगल से फूल जुटाकर लाने लगते हैं बच्चे टोकरियों में सुख समृदि की मंगलकामना करते हुए घर-घर जाकर उनकी देहरी पर फूल चढ़ाते हैं। यह त्यौंहार एक माह तक चलता है। फूलसंग्रात के समापन पर हर घर से उनको चावल, मिठाई, गुड़, पैैसा आदि दिया जाता है। इसे फूल संक्रान्ति भी कहते हैं।
इस त्यौहार पर उत्तराखण्ड के पर्शिद गायक नरेन्दर सिंह नेगी जी ने बहुत ही सूंदर गीत लिखा है.
Songwriter : Narendra Singh Negi
Singer : Kavindra Singh Negi, Anjali Khare, Anamika Vashisth, Sunidhi Vashisth
Singer : Kavindra Singh Negi, Anjali Khare, Anamika Vashisth, Sunidhi Vashisth
चला फुलारी फूलों को
सौदा-सौदा फूल बिरौला
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी
मैं घौर छोड्यावा
हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालू बसंत
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
चला फुलारी फूलों को
सौदा-सौदा फूल बिरौला
भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां
म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ
ना उनु धरम्यालु आगास
ना उनि मयालू यखै धरती
अजाण औंखा छिन पैंडा
मनखी अणमील चौतर्फी
छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
फुल फुलदेई दाल चौंल दे
घोघा देवा फ्योंल्या फूल
घोघा फूलदेई की डोली सजली
गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल
अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा
होला चैती पसरू मांगणा औजी खोला खोलो मा
ढक्यां द्वार मोर देखिकी फुलारी खौल्यां होला
सौदा-सौदा फूल बिरौला
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी
मैं घौर छोड्यावा
हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालू बसंत
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
चला फुलारी फूलों को
सौदा-सौदा फूल बिरौला
भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां
म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ
ना उनु धरम्यालु आगास
ना उनि मयालू यखै धरती
अजाण औंखा छिन पैंडा
मनखी अणमील चौतर्फी
छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा
मैं घौर छोड्यावा
हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि
फुल फुलदेई दाल चौंल दे
घोघा देवा फ्योंल्या फूल
घोघा फूलदेई की डोली सजली
गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल
अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा
होला चैती पसरू मांगणा औजी खोला खोलो मा
ढक्यां द्वार मोर देखिकी फुलारी खौल्यां होला
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ReplyDeleteउत्तराखंड के 7 प्रसिद्ध मंदिर
यह ब्लॉग बहुत अच्छा पैकेज है, जिसमें मनोहारी तस्वीरें और महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है। यह भी पढ़ें जौ त्यौहार उत्तराखंड
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