हाट कलिका मंदिर
गंगोलीहाट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक क़स्बा और तहसील मुख्यालय है जो हाट कलिका मंदिर नामक सिद्धपीठ के लिये प्रसिद्ध है। पांच हजार साल पूर्व लिखे गए स्कंद पुराण के मानसखंड में दारुकावन (गंगोलीहाट) स्थित देवी का विस्तार से वर्णन है। इस सिद्ध पीठ की स्थापना आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा की गयी। हाट कलिका देवी रणभूमि में गए जवानों की रक्षक मानी जाती है।
इस मंदिर में स्थित कुण्ड नवरात्र के अवसर पर हजारों बकरों की बलि दिए जाने पर भी नहीं भरता है।
इस मंदिर के अन्दर रात्रि में बिस्तर की व्यवस्था कर बाहर से ताला लगाया जाता है।
सुबह ताला खोलने पर बिस्तर पर किसी के शयन करने के चिन्ह स्पष्ट दिखाई पडते हैं।
हवाई मार्ग - मंदिर से निकटम हवाई अडडा पिथौरागढ़ 77 km दूर है।
रेल मार्ग - निकटम रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन 165 km की दुरी पर है।
सड़क मार्ग - यह मंदिर जिला मुख्यालय से 77 किलोमीटर की दूरी पर है तथा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
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